बिलासपुर : छत्तीसगढ़ इस देश में जब भी खेल और खिलाड़ियों की उत्कृष्टता की बात होती है ,तो ज्यादातर देखने को मिलता है कि सरकारी तंत्र खिलाड़ियों के प्रति उदासीन ही रहता है ।
जब बात खिलाड़ियों को देने वाली सुविधाओं की आती है, तो साफ नज़र आता है कि सरकारी तंत्र ने खिलाड़ियों का भविष्य कैसे बर्बाद किया है। इसका एक उदाहरण छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर शहर में देखने को मिलता है।
आज हम आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं कि कैसे बिलासपुर कलेक्टर कार्यालय और PWD कार्यालय ने मिलकर, SECL के CSR फंड में भ्रष्टाचार किया है।
आपको बता दें कि बिलासपुर में SECL मुख्यालय के ठीक सामने खेल परिसर में खिलाड़ियों के लिए ग्राउंड निर्माण कार्य के लिए SECL ने CSR मद से बिलासपुर कलेक्टर कार्यालय को 2.25 करोड़ की राशि दी थी। इस पूरे मामले में PWD ने टेंडर किया था, यह मामला 2018 का है, उस वक्त कलेक्टर संजय अलंग थे। टेंडर बिलासपुर की फर्म को मिला, जिसके मालिक vintesh agrawal हैं।
SECL के CSR fund से खेल परिसर में क्या-क्या बनना था, उसकी सूची हम साझा कर रहे हैं….
* Football ground
* Basketball court (outdoor)
* Volleyball court (outdoor)
* Changing room (boys and girls)
* electrification works
* LED display boards
* Sports equipments
इस पूरे मामले में जब हमने PWD के sub engineer से बात की तो उन्होंने बताया कि SECL से जो 90 लाख की पहली किश्त मिली थी उससे फुटबॉल ग्राउंड, बाउंड्री वॉल और ड्रेनेज सिस्टम का कार्य करवाया गया। हमारी टीम ने भी खेल परिसर ग्राउंड जाकर PWD के सारे कार्यों का मुआयना किया, सब तरफ भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार दिखा, हम SECL के CSR fund में हुए भ्रष्टाचार की तस्वीर बीच-बीच में साझा कर रहे हैं।

अगर ये ग्राउंड सही समय में बन जाता तो छत्तीसगढ़ के फुटबॉल, बास्केटबॉल और वॉलीबॉल के खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करने का मौका मिलता , जिससे वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेलों में अच्छा प्रदर्शन कर पाते, लेकिन बिलासपुर कलेक्टर कार्यालय ने इस ग्राउंड को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया।
हम बार-बार बिलासपुर कलेक्टर कार्यालय को इसलिए आड़े हाथों ले रहे हैं क्योंकि, CSR fund के सारे प्रस्ताव कलेक्टर कार्यालय के माध्यम से SECL तक पहुंचते है , और फिर SECL में प्रक्रिया पूर्ण करने के पश्चात, कलेक्टर कार्यालय को राशि जारी की जाती है, फिर संबंधित कार्यालयों को कलेक्टर कार्यालय राशि जारी करतें हैं।

खेल परिसर का टेंडर जब PWD बिलासपुर कार्यालय ने किया, तब संजय अलंग कलेक्टर थे , अब वो सेवानिवृत हो गए हैं, उनके बाद जो भी कलेक्टर आए, किसी ने भी खिलाड़ियों के भविष्य के बारे में नहीं सोचा। अंत में SECL ने थक हार कर कुछ राशि वापस मंगवा ली और आगे की बची हुई राशि को देने से साफ इंकार कर दिया। SECL के अधिकारियों से बात करने से साफ समझ आ रहा था कि वे इस मामले को ले कर बड़े गुस्से में हैं। SECL के अधिकारियों ने साफ कहा कि अब वो किसी भी कीमत में कलेक्टर कार्यालय को एक भी पैसा इस प्रोजेक्ट में नहीं देंगे।

इस पूरे भ्रष्टाचार के मामले में ये सवाल बनता है कि बिलासपुर में पदस्थ रहे तत्कालीन कलेक्टर संजय अलंग के ऊपर कौन कार्यवाही करेगा, अलंग के बाद आए तमाम कलेक्टर की जवाबदेही कौन तय करेगा। बिलासपुर के नेताओं को भी खिलाड़ियों से शायद कोई मतलब नहीं है , तभी तो पिछले पाँच सालों से ग्राउंड की हालत बद से बदतर है।
सूत्र बताते हैं कि इस ग्राउंड को लेकर PWD बिलासपुर एक बार फिर एस्टीमेट बनाने में जुटा हुआ है , हमेशा की तरह revise estimate बनेगा, प्रोजेक्ट की लागत तीन गुना बढ़ाई जाएगी, फिर टेंडर की प्रक्रिया होगी, फिर कार्य शुरू होगा, कार्य खत्म करने की कोई गारंटी नहीं होगी, और खिलाड़ियों का भविष्य यहां के नेता और अधिकारी बर्बाद करते रहेंगे। अब आप समझ गए होंगे कि छत्तीसगढ़ के होनहार खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्यों फिसड्डी साबित हो रहे हैं।
एक बात और आपको बताते हैं कि SECL के CSR fund में हुए भ्रष्टाचार के बावजूद फिर से बहतराई स्टेडियम के अंदर होने वाले कार्यों के लिए SECL ने फंड जारी किया है , जो बहुत ही शर्मनाक है।
क्या है SECL का CSR fund ?
SECL (south eastern coalfields limited) ,CSR fund का उपयोग विभिन्न सामाजिक सरोकारों और परियोजनाओं के लिए करती है, जैसे शिक्षा, स्वास्थ और सामुदायिक विकास। कंपनी अधिनियम 2013 के अनुसार,SECL अपने औसत शुद्ध लाभ का एक निश्चित प्रतिशत CSR गतिविधियों पर खर्च करने के लिए प्रतिबद्ध है।

